Menu

टीएलसी रक्त परीक्षण क्या है | TLC Blood Test Kya Hai

टीएलसी डीएलसी परीक्षण क्या है | What Is TLC DLC In Blood Test In Hindi | टीएलसी डीएलसी नॉर्मल रेंज क्या है | TLC Test In Pregnancy In Hindi | TLC Test In Hindi | TLC DLC Normal Range In Hindi |

इस लेख में हम जानेंगे कि टीएलसी डीएलसी रक्त परीक्षण क्या है (TLC DLC Blood Test In Hindi), टीएलसी और डीएलसी कितनी होनी चाहिए (TLC DLC Normal Range In Hindi) और इनके कम या ज्यादा होने से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, तो आइए इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

TLC DLC Blood Test In Hindi

टीएलसी डीएलसी परीक्षण | TLC DLC Blood Test Full Form In Hindi | TLC Test Meaning In Hindi

हमारे शरीर में दो प्रकार की रक्त कोशिकाएं (Blood Cells) पायी जाती हैं: 

1. लाल रूधिर कोशिकाएं (Red Blood Cells) : इन्हें हम एरीथ्रोसाइट्स (Erythrocytes) के नाम से भी जानते हैं, ये रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर में ऑक्सीजन को विभिन्न अंगों तक पहंचाने का काम करती हैं।

2. सफेद रूधिर कोशिकाएं (White Blood Cells) : ये रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर में बाहरी किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने व शरीर को सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होती है, इसलिए इसे प्रतिरक्षक के नाम से भी जानते हैं।

इन सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) को ल्यूकोसाइट्स (Leucocytes) के नाम से भी जाना जाता है, जिनके मूल्यांकन से व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। इन ल्यूकोसाइट्स के मूल्यांकन के लिए टीएलसी (TLC) और डीएलसी (DLC) रक्त परीक्षण किया जाता है।

 

TLC DLC Full Form In Hindi | टीएलसी डीएलसी फूल फॉर्म इन हिंदी

TLC का Full Form : Total Leucocytes Count (टोटल ल्यूकोसाइट्स काउंट) होता है।

वास्तव में ये ल्यूकोसाइट्स पांच प्रकार के होते हैं, जिनके मूल्यांकन को डीएलसी (DLC) कहते हैं। 

DLC Full Form : Differential Leucocytes Count (डिफ्रेंशियल ल्यूकोसाइट्स काउंट) है। 

TLC Test | टीएलसी ब्लड टेस्ट (TLC Blood Test) क्या है | TLC In Blood Test In Hindi

टीएलसी परीक्षण (TLC Test) किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य जांच के लिए किया जाता है। TLC Blood Test द्वारा रक्त में मौजूद सम्पूर्ण ल्यूकोसाइट्स की गणना (Total Leucocytes Count) की जाती है, जिससे व्यक्ति के बीमारी के कारण व उसकी गंभीरता का पता आसानी से लगाया जा सकता है। 

TLC रक्त परीक्षण द्वारा मानव शरीर के खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या (WBC Count) का मूल्यांकन किया जाता है, जो कि मानव शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली का एक हिस्सा हैं, जो रोग से लड़ने में सहायता करती है।

 

WBC Count In Blood Test Hindi | WBC Count In Hindi

सफेद रक्त कोशिका (WBC) का मुख्य कार्य शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है, जो मानव शरीर में रोगाणु, वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से रक्षा प्रदान करती है, इसलिए WBC को प्रतिरक्षक भी कहते हैं। White Blood Cell (WBC) हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो रोगों से लड़ने में सहायता प्रदान करती है।

WBC हमारे शरीर में अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में बनती है और पूरे शरीर में रक्तप्रवाह के साथ घूमती रहती है। एक स्वस्थ वयस्क मानव शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या (WBC Count) 4000 से 11000 सेल्स प्रति माइक्रोलीटर (µl) या रक्त के प्रति क्यूबिक मिलीमीटर (cu.mm.) के बीच होती है।

टीएलसी कितना होना चाहिए | TLC Test Normal Range In Hindi | TLC In Blood Test Report

यदि किसी व्यक्ति का टीएलसी काउंट नॉर्मल रेंज के बीच में आता है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति का टोटल ल्यूकोसाइट काउंट सामान्य है और वह व्यक्ति स्वस्थ है। इसी प्रकार टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (टीएलसी) नॉर्मल रेंज से कम या अधिक होने पर टीएलसी की असमान्य स्थिति (TLC Abnormal Condition) कही जाती है।

TLC DLC Blood Test Report

TLC & DLC In Blood Test Report

टीएलसी नॉर्मल रेंज (TLC Normal Range): [4000 – 11000 cells/cu.mm.]
यदि टीएलसी काउंट (TLC) 4000 से कम होता है, तो उसे ल्यूकोपिनिया (Leukopenia) कहा जाता है और यदि टीएलसी काउंट 11000 से अधिक होता है, तो उसे ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis) कहा जाता है।

टीएलसी (TLC) बढ़ने पर क्या होता है | टीएलसी कम या अधिक होने से क्या होता है

जब किसी व्यक्ति के शरीर में टीएलसी (TLC) या सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या (WBC Count) बढ़ जाती है, तो उस व्यक्ति में रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) कमजोर पड़ जाती है और उसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण शरीर में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

व्यक्ति के खून में टीएलसी या WBC की संख्या बढ़ने से फंगल, वायरल, परजीवी संक्रमण, बैक्टीरियल या चोट के कारण संक्रमण, सूजन, आमवती गठिया रोग, मूत्र संक्रमण संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं, जिसके कारण ब्लड कैंसर जैसी घातक व जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।

डब्लूबीसी काउंट (WBC Count) या टीएलसी के बढ़ने की स्थिति को ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis) के नाम से जाना जाता है। ल्यूकोसाइटोसिस का खतरा ऐसे रोगियों में अधिक देखने को मिलता है, जिन्हें कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ रहा हो। 

इसी प्रकार टायफाइड, मलेरिया, डेंगू, इंफ्लूएंजा और तपेदिक जैसी बिमारियों में WBC Count या TLC प्राय: कम हो जाती है, जिसे ल्यूकोपिनिया (Leukopenia) के नाम से जाना जाता है।

टीएलसी (TLC) बढ़ने का कारण क्या है | TLC बढ़ने का कारण

निम्न स्थितियों में प्राय: टीएलसी (TLC) बढ़ जाता है:

  1. मानव शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण (Infection) के कारण टीएलसी (TLC) या सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या (WBC Count) बढ़ जाती है।
  2. शरीर में किसी प्रकार के चोट या आघात और सूजन (Inflammation) की स्थिति में टीएलसी बढ़ जाता है।
  3. दर्द निवारक दवाओं (Pain Killer) के अत्यधिक उपयोग करने से भी TLC बढ़ जाता है।
  4. प्राय: गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी गर्भवती महिलाओं का टीएलसी (TLC) बढ़ जाता है। 
  5. अत्यधिक शरीरिक परिश्रम या व्यायाम करने के कारण भी व्यक्ति के टीएलसी (TLC) में वृद्धि देखी जाती है।

DLC Test | DLC In Blood Test In Hindi | DLC Blood Test Full Form In Hindi

DLC का Full Form: Differential Leucocytes Count (डिफ्रेंशियल ल्यूकोसाइट्स काउंट) होता है। 

मानव रक्त में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) को ल्यूकोसाइट्स कहा जाता है, ये ल्यूकोसाइट्स मुख्यत: 5 प्रकार के होते हैं, जिनके मूल्यांकन को डिफ्रेंशियल ल्यूकोसाइट्स काउंट (DLC) कहा जाता है।

डीएलसी ब्लड टेस्ट (DLC Blood Test) में रक्त में मौजूद पांचों प्रकार के ल्यूकोसाइट्स का मूल्यांकन किया जाता है, जिनके बारे में आगे बताया गया है।

डिफ्रेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट (DLC) के प्रकार | Types of DLC In Hindi

डिफ्रेंशियल ल्यूकोसाइट्स पांच प्रकार के होते हैं:

1. Neutrophils / Polymorphs (न्यूट्रोफिल्स या पॉलीमॉर्फ्स)
2. Lymphocytes (लिम्फोसाइट्स)
3. Eosinophils (ओसिनोफिल्स)
4. Monocytes (मोनोसाइट्स)
5. Basophils (बेसोफिल्स)

डीएलसी कितना होना चाहिए | DLC Normal Range In Blood Test Hindi

Differential Leukocytes Count (DLC) Blood Test Normal Range निम्न प्रकार हैं:

Sl. No.Test NameNormal Range
1.Neutrophils / Polymorphs (न्यूट्रोफिल्स या पॉलीमोर्फ्स)[40 - 70]%
2.Lymphocytes (लिम्फोसाइट्स)[20 - 40]%
3.Eosinophils (इओसिनोफिल्स)[1 - 6]%
4.Monocytes (मोनोसाइट्स)[2 - 10]%
5.Basophils (बेसोफिल्स)[0 - 1]%

डीएलसी (DLC) की वैल्यू कम या अधिक होने पर पांचों ल्यूकोसाइट्स को क्रमश: निम्न नाम से जाना जाता है:

DLC Value कम होने पर DLC Value अधिक होने पर
Neutropenia (न्यूट्रोपिनिया)Neutrophilia (न्यूट्रोफिलिया)
Lymphocpenia (लिम्फोस्पिनिया)Lymphocytosis (लिम्फोसिटोसिस)
Monocytopenia (मोनोसिटोपिनिया)Monocytosis (मोनोसिटोसिस)
Eosinopenia (इओसिनोपिनिया)Eosinophilia (इओसिनोफिलिया)
Basophilpenia (बेसोफिलपिनिया)Basophilia (बेसोफिलिया)

टीएलसी (TLC) और डीएलसी (DLC) ब्लड टेस्ट क्यों किया जाता है?

टीएलसी और डीएलसी ब्लड टेस्ट शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण (Infection), एलर्जी, सूजन (Inflammation), ब्लड कैंसर, हड्डियों के फ्रैक्चर, किसी ऑपरेशन के पहले, मलेरिया और टायफाइड आदि की जांच में भी किया जाता है। ये ब्लड टेस्ट पैथालॉजी लैब में किये जाते हैं, जिसके लिए व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है और जांच की रिपोर्ट एक दिन में मिल जाती है।

आपको हमारा यह लेख कैसा लगा, अपनी प्रतिक्रिया हमें Comment Box में जरूर दें। यदि आपका कोई सुझाव या प्रश्न है तो आप हमें email भी कर सकती हैं, और साथ ही आप हमें अन्य Social Media हैंडल्स पर भी Follow कर सकती हैं, जिनका लिंक आपको नीचे Contact Us में मिल जाएगा।

आप हमारे First Baby पैरेंटिंग वेबसाइट को सब्सक्राइब अवश्य करें, जिससे हम जब भी ब्लॉग पोस्ट अपडेट या पब्लिश करें, आपको तुरन्त नोटिफिकेशन प्राप्त हो सके। इसके लिए नीचे बेल आइकन पर क्लिक करें।

       धन्यवाद !

यह भी पढ़ें :-

जानिए, सीईसीटी चेस्ट टेस्ट (CECT Chest Test) क्या होता है, यह कब और कैसे किया जाता है।

जानिए, थैलेसीमिया बीमारी क्यों है घातक और प्रेग्नेंसी में एचपीएलसी टेस्ट (HPLC Test) क्यों की जाती है?

जानिए, प्रेगनेंसी में ICT Test कब और क्यों की जाती है?

जानिए, प्रेग्नेंसी टेस्ट के घरेलू नुस्खें क्या-क्या हैं, पूरी जानकारी।

Pregnancy Planning के समय या Pregnancy के दौरान क्या COVID-19 Vaccine सुरक्षित है, जानें एक्सपर्ट्स की सलाह –

प्रेगा न्यूज प्रेग्नेंसी कीट का Use कब और कैसे करते हैं, यह कैसे काम करती है, जानें पूरी जानकारी

i Can Pregnancy Kit कैसे इस्तेमाल करते हैं, जानें पूरी जानकारी।

मेडिक्लेम कार्ड क्या होता है और इसका कैसे उपयोग किया जाता है, जानें पूरी जानकारी।

कोरोना COVID-19 Vaccine के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रॉसेस क्या है,जानें सम्पूर्ण जानकारी।

Black Fungus kya hai इसके लक्षण और रोकथाम के क्या उपाय हैं

Yellow Fungus क्या है, इसके लक्षण व बचाव के उपाय क्या हैं

बच्चों में Post COVID Syndrome क्या है और इसके लक्षण व बचाव के क्या-क्या उपाय है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *