CECT Chest Test क्या होता है | CECT Thorax Test In Hindi
CECT Chest Test क्या होता है | CECT Scan Test In Hindi | CECT Chest Test In Hindi | CECT Thorax Test In Hindi | CT Scan with Contrast In Hindi
इस लेख में हम जानेंगे कि CECT Chest Test क्या होता है, इसे कब और क्यों किया जाता है। CT Scan Test कितने प्रकार का होता है, इसमें क्या सावधानियां बरतनी होती हैं, इन सबकी जानकारी हम विस्तार से जानेंगे।
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CECT Scan Test सीटी स्कैन का ही एक प्रकार है, जिससे तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं:
CT Scan क्या होता है, कब और क्यों किया जाता है | सीटी स्कैन से क्या पता चलता है
CT Scan का Full Form: Computed Tomography Scan होता है। इसमें कम्यूटर बेस्ड स्कैनिंग की जाती है, जिसकी सहायता से मरीज के शरीर के किसी निश्चित हिस्से का 3 डाइमेंशनल मल्टीपल X-ray ली जा सकती है, जो उसके क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
CT Scan Machine काफी बड़ी होती है, जिसके अंदर इंसान का पूरा शरीर जा सकता है। इस पर कई ऐसे सॉफ्टवेयर लगे होते हैं, जिनकी सहायता से व्यक्ति के किसी निश्चित अंग का मल्टीपल एक्स-रे एक साथ लिया जा सकता है।
इन X-ray इमेज को लेने के लिए सीटी स्कैन मशीन में एक्स-रे रोटेटिंग बीम (X-ray Rotating Beam) होती है, जिसमें स्लाइस डिटेक्टर लगे होते हैं, जिनकी सहायता से एक साथ शरीर के सभी अंगों का मल्टीपल क्लियर 3 डी इमेज प्राप्त किया जाता है।
एक्स-रे में केवल एक ही डाइमेंशन में इमेज को देखा जा सकता है, जबकि सीटी स्कैन द्वारा 3 डाइमेंशन में इमेज को आसानी से देखा जा सकता है। CT Scan द्वारा शरीर के किसी भी हिस्से की प्रॉब्लम जैसे- शरीर में किसी प्रकार की चोट (Injury), इंफेक्शन, खून का थक्का (Blood Clot) जमा होना, ट्यूमर या कैंसर, मांसपेशियों के सॉफ्ट टिशू, रीढ़ की हड्डी के कॉलम, भोजन की नली, हृदय व फेफड़ों से संबंधित समस्याओं की पहचान के लिए किया जाता है।
सीटी स्कैन कितने प्रकार की होती है | Types of CT Scan In Hindi
सीटी स्कैन टेस्ट (CT Scan Test) तीन प्रकार की होती है:
- NCCT Scan Test (एनसीसीटी स्कैन टेस्ट)
- CECT Scan Test (सीईसीटी स्कैन टेस्ट)
- HRCT Scan Test (एचआरसीटी स्कैन टेस्ट)
NCCT Full Form In Hindi | What is NCCT Scan Test In Hindi
NCCT का Full Form: Non Contrast Computed Tomography होता है। इसमें सीटी स्कैन करते समय मरीज को कोई कंट्रास्ट एजेंट (Contrast Material) नहीं दिया जाता है। इस टेस्ट को करने से पहले मरीज का LFT– Liver Function Test और KFT– Kidney Function Test करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
CECT Full Form In Hindi | सेक्ट फुल फॉर्म | सीईसीटी स्कैन टेस्ट (CECT Scan Test) क्या है |
CECT का Full Form: Contrast Enhanced Computed Tomography होता है। CECT Test, सीटी स्कैन का एक प्रकार है, जिसे करने से पहले मरीज को मौखिक (Oral) या (IV) इंजेक्शन के द्वारा एक प्रकार के आयोडीन लिक्विड कंट्रास्ट एजेंट (Iodine Contrast) मरीज के नस में इंजेक्ट किया जाता है।
Contrast Material देने के बाद सीईसीटी स्कैन करने पर, इसे आसानी से देखा जा सकता है और इस प्रकार स्कैन की क्लीयर इमेज प्राप्त की जाती है, जिससे रोग या प्रॉब्लम के वास्तविक कारण व स्थिति का पता चलता है।
मरीज को Contrast Material देने से पहले उसका LFT (लीवर फंक्शन टेस्ट)और KFT (किडनी फंक्शन टेस्ट) करना होता है, क्योंकि लीवर और किडनी के सही तरीके से काम न करने पर कंट्रास्ट एजेंट इन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी जांच के लिए Serum Creatinine Test और Uric Acid Test किया जाता है।
इसलिए नॉर्मल या प्लेन सीटी स्कैन में 10 से 15 मिनट लगते हैं, लेकिन सीईसीटी स्कैन (CECT Scan) में 1 से 3 घंटे का समय लग सकता है।
CECT Scan में कंट्रास्ट एजेंट क्यों दिया जाता है | What is Contrast Material In CECT Scan Test In Hindi
कंट्रास्ट एजेंट सामान्यत: लिक्विड आयोडीन रेडियोएक्टीव पदार्थ होता है, जिसे सीईसीटी स्कैन (CECT Scan) करते समय मरीज के शरीर में CECT Abdomen में मुंह से या CECT Chest में इंजेक्शन की सहायता से दिया जाता है।
यह एक ऐसा मैटेरियल होता है, जिसे व्यक्ति को देने से वह भोजन नली या ब्लड वैसल्स में जाकर, सीईसीटी स्कैन के दौरान स्पष्ट रूप से दिखने में मदद करता है। इस प्रकार लिक्विड कंट्रास्ट जहां-जहां से गुजरता है, वहां CECT Test के द्वारा 3 डी मल्टीपल क्लियर इमेज प्राप्त कर, उस हिस्से का निरीक्षण किया जाता है।
जानिए, एचआरसीटी टेस्ट (HRCT Test) क्या होता है, यह कब और क्यों किया जाता है।
CECT Abdomen Full Form In Hindi | CECT Abdomen Test In Hindi
CECT Abdomen Full Form: Contrast Enhanced Computed Tomography Test For Abdomen होता है। इस टेस्ट में व्यक्ति के पेट या उदर से संबंधित रोगों की पुष्टि व उपचार किया जाता है।
यदि मरीज को पेट से संबंधित रोग जैसे भोजन नली, लिवर, किडनी आदि से संबंधित प्रॉब्लम है, चोट, ट्यूमर या कैंसर, पथरी आदि की शिकायत है, तो डॉक्टर रोग के वास्तविक कारण व स्थिति का पता लगाने के लिए उसे सीईसीटी एब्डोमेन टेस्ट (CECT Abdomen Test) कराने की सलाह दे सकते हैं।
CECT Abdomen Test करने से पहले, मरीज को Contrast Material मुंह के रास्ते देना होता है, जिससे Contrast भोजन की नली के रास्ते आगे बढ़ता जाता है और फिर सीईसीटी एब्डोमेन स्कैन करने पर वह स्पष्ट दिखाई देता है।
इस प्रकार पेट के किसी भाग में कोई प्रॉब्लम होती है, तो उसे CECT Abdomen Test की सहायता से आसानी से डिटेक्ट किया जाता है।
CECT Chest Meaning In Hindi | CECT Chest Scan Test In Hindi | CECT Thorax In Hindi | CECT Chest Full Form In Hindi
यदि मरीज को छाती से संबंधित रोग है, जैसे फेफड़ों में इंफेक्शन, सूजन या पानी भर जाना, बलगम, सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी आदि जैसी परेशानी है, तो डॉक्टर मरीज को CECT Chest Scan Test कराने के लिए सुझाव दे सकते हैं। इसे हम CECT Thorax Test के नाम से भी जानते हैं।
इसमें सीटी स्कैन करने से पहले मरीज को IV इंजेक्शन की सहायता से लिक्वि़ड Contrast Material को नस में इंजेक्ट किया जाता है, जो ब्लड वैसल्स में फ्लो करने लगता है। इसके बाद सीईसीटी स्कैन (CECT Scan) द्वारा इसका निरीक्षण किया जाता है और फिर मरीज के शरीर के निश्चित भाग का 3 डाईमेंशनल क्लीयर मल्टीपल इमेज प्राप्त कर लिया जाता है।
इस प्रकार CECT Chest या CECT Thorax Test द्वारा रोग के वास्तविक कारण व स्थिति का पता आसानी से लगाया जा सकता है।
CECT Chest या CECT Thorax Test की संक्षिप्त जानकारी:
टेस्ट के अन्य नाम | CECT Chest, CECT Thorax, Chest CT Scan with Contrast |
टेस्ट का प्रकार | सीटी स्कैन ( CT Scan) |
टेस्ट से पहले तैयारी | Uric Acid और Creatinine Level की जांच है जरूरी (स्कैन टेस्ट से पहले 4 से 6 घंटे कुछ नहीं खाना होता है) |
टेस्ट रिपोर्ट कब मिलता है | 24 घंटे में मिल जाता है |
टेस्ट का खर्च (लगभग) | इसमें 6000 से 7000 तक का खर्च आ सकता है। |
CECT Chest / CECT Abdomen टेस्ट करने से पहले ब्लड टेस्ट क्यों किया जाता है | Blood Test after CT Scan with Contrast In Hindi
कभी भी CECT Test करने से पहले मरीज का लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) करना आवश्यक होता है, इसके लिए ब्लड टेस्ट द्वारा Serum Creatinine के स्तर को चेक किया जाता है, जिससे इस बात की पुष्टि की जाती है, मरीज का लीवर और कि़डनी सही तरह से काम कर रहे हैं या नहीं।
ब्लड टेस्ट करने पर यदि Serum Creatinine Level 0.6 से 1.2 के बीच आता है, जो कि इसका नॉर्मल रेंज है, तो मरीज को लिक्विड कंट्रास्ट एजेंट दिया जाता है, लेकिन यदि इस रेंज से कम या अधिक Serum Creatinine की वैल्यू आती है, तो उस स्थिति में मरीज को Contrast नहीं दिया जाता है या केवल इमरजेंसी अथवा डॉक्टर की सलाह पर ही दिया जाता है।
यदि मरीज का लीवर और किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हों, तो उस स्थिति में Contrast material देने से मरीज के किडनी या लीवर को नुकसान पहुंचता है। इसलिए Contrast केवल तभी दिया जाता है, जब व्यक्ति के लीवर और किडनी सही तरह से काम कर रहे हों।
CECT Thorax / CECT Abdmomen में क्या सावधानियां रखनी होती हैं | Precautions for CECT Scan Test In Hindi
CECT Abdomen Test के दौरान निम्न सावधानियां रखनी होती हैं-
- इसमें आपको 4 से 6 घंटे का फास्टिंग (Fasting) रखना होता है, जिसमें स्कैन टेस्ट से पहले कुछ खाना नहीं होता है।
- स्कैन टेस्ट दौरान किसी प्रकार के धातु के सामान जैसे- घड़ी, अंगूठी, चैन आदि पहन कर ना जायें।
- यदि आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर को सूचित करें, क्योंकि गर्भस्थ शिशु पर रेडिएशन का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- यदि किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर को जरूर बतायें।
- यदि व्यक्ति के शरीरी में कोई इंप्लांटेशन हुआ है, तो स्कैन जांच के दौरान डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए।
- सीटी स्कैन में एक्स-रे की अपेक्षा 300 गुना अधिक रेडिएशन होता है, जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए बार-बार सीटी स्कैन कराने से बचना चाहिए।
- कंट्रैस्ट सीटी स्कैन (CECT Scan) में कंट्रास्ट देने से पहले Serum Creatinine Test किया जाता है।
- CTCT Scan Test के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है।
- जिस व्यक्ति का लिवर और किडनी का प्रॉब्लम है, उस व्यक्ति का CECT Scan Test नहीं किया जाता है।
HRCT Scan Test क्या है और कब किया जाता है
HRCT का Full Form: High Resolution Computed Test होता है। एचआरसीटी स्कैन टेस्ट (HRCT Scan Test) में मुख्यत: छाती या फेफडों से संबंधित संक्रमण व रोगों की सही व सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसमें हाई रिजॉल्यूशन की 3 डी इमेज प्राप्त की जाती है, जिससे रोग के सही कारण व स्थिति की जानकारी मिलती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
इस लेख में हमने सीटी स्कैन से संबंधित लगभग सभी बिंदूओं पर चर्चा किया है, लेकिन किसी भी तरह की आपको कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें और आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करें।
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